लक्ष्मी जी की आरती
श्री लक्ष्मी माता की आरती | Laxmi Mata Ki Aarti Lyrics in Hindi
लक्ष्मी माता की आरती का पाठ करने से घर में धन, सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है। माता लक्ष्मी को विष्णु जी की अर्धांगिनी और धन की देवी कहा गया है। विशेष रूप से शुक्रवार, दीपावली, धनतेरस और पूर्णिमा पर यह आरती गाने से सभी कष्ट दूर होते हैं।
Table of Content
- लक्ष्मी माता की आरती (Lyrics in Hindi)
- लक्ष्मी माता की आरती का महत्व
- लक्ष्मी माता की पूजा विधि
- FAQs – लक्ष्मी माता की आरती
लक्ष्मी माता की आरती (Lyrics in Hindi)
दोहा
अंत में: सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।
आरती पूरी होने के बाद तुलसी में आरती जरूर दिखाना चाहिए और घर के सभी लोग आरती लेनी चाहिए।
लक्ष्मी माता की आरती का महत्व
- घर में धन, ऐश्वर्य और समृद्धि का आगमन होता है।
- परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
- व्यापार और नौकरी में सफलता प्राप्त होती है।
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
लक्ष्मी माता की पूजा विधि
- शुक्रवार या दीपावली की रात माता लक्ष्मी की प्रतिमा को स्वच्छ स्थान पर रखें।
- गंगा जल से शुद्धिकरण करें।
- दीपक, धूप, चंदन और पुष्प अर्पित करें।
- माता लक्ष्मी को कमल का फूल और सफेद वस्त्र अर्पित करें।
- अंत में लक्ष्मी माता की आरती गाएँ।
FAQs – लक्ष्मी माता की आरती
Q1. लक्ष्मी माता की आरती कब करनी चाहिए?
सुबह और शाम दोनों समय आरती करना शुभ होता है। विशेष रूप से शुक्रवार और दीपावली पर।
Q2. क्या लक्ष्मी माता की आरती केवल दीपावली पर ही गाई जाती है?
नहीं, इसे रोजाना गाने से भी घर में धन और सुख-समृद्धि का वास होता है।
Q3. लक्ष्मी माता को कौन से फूल प्रिय हैं?
कमल का फूल और सफेद पुष्प माता लक्ष्मी को विशेष प्रिय हैं।